यहाँ पर अंतिम पंच महापुरुष योग के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि यह योग किस तरह से भंग भी होता है….
शश योग
जब शनि अपनी स्वराशि मकर या कुंभ अथवा उच्च राशि तुला में स्थित होकर केन्द्र होते हैं तो यह योग बनता है। इस योग से प्रभावित व्यक्ति पर शनिदेव की विशेष कृपा रहती है और वह जातक को धनी,सुखी व दीर्घायु बनाते हैं। व्यक्ति जीवन राजसी तरह का होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति उच्चपदाधिकारी, राजनेता, न्यायाधिपति होता है।
योग का फल : जिनकी कुंडली में यह योग होता है वे उच्च पदस्थ होते हैं। समझ काफी गहरी होती है। ये अपने कर्तव्यनिष्ठ और कर्मठ व्यक्तित्व के धनी होते हैं। ऐसे व्यक्ति वैज्ञानिक, निर्माणकर्ता, भूमि सम्बंधित कायार्ें से जुड़े होते हैं। साथ ही वकील के रूप में भी नाम कमा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति का मां का प्यार भी भरपूर मिलता है।
ऐसे भंग होता है पंच महापुरुष योग
जब इस तरह के योग बनाने वाले ग्रहों पर पाप प्रभाव पड़ता है तो इनका पूरा फल नहीं मिल पाता। जो ग्रह महापुरुष योग बना रहा है यदि वह सूर्य या चन्द्रमा के साथ हों तो ऐसे योग के प्रभाव से प्रबल फल के बजाए आंशिक फल ही प्राप्त होता है। इसी तरह इन पर राहु और केतु की युति या दृष्टि हो तो इस योग के निष्प्रभावी रहने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं।