चन्द्रमा से द्वितीय तथा द्वादश स्थान में जब कोई भी ग्रह न हो तो केमद्रुम योग बनता है। यानी चंद्रमा से दूसरा और बारहवां भाव खाली होना चाहिए। इसे दरिद्रतादायक…
जब जन्मकुंडली में चंद्रमा के दोनों ओर यानी दूसरे और बारहवें भाव में ग्रह स्थित होते हैं तो दुरुधरा योग बनता है। इस योग में भी सूर्य की गणना नहीं…